बांके बिहारी श्री वृन्दावन में हाय मेरा दिल खो गया
होता नित रास यहाँ संतो का वास यहाँ
सदा भाव और भक्ति का अहसास यहाँ
दिल खो गया बांके बिहारी श्री वृन्दावन में
हाय मेरा दिल खो गया ।।१।।
यहाँ यमुना किनारा है श्री निधिवन प्यारा है
कण कण में बिहारी जी, यहाँ तेरा नजारा है
दिल खो गया बांके बिहारी श्री वृन्दावन में
हाय मेरा दिल खो गया ।। २।।
देखा जबसे तुमको मैं हो गया दीवाना
नहीं होश रहा कोई हुआ खुद से बेगाना
दिल खो गया बांके बिहारी श्री वृन्दावन में
हाय मेरा दिल खो गया ।।३।।
कहे निखिल सौरभ प्यारे कभी दिल से ना बिसराना
निखिल बस तेरा है हर जनम में अपना लेना
दिल खो गया बांके बिहारी श्री वृन्दावन में
हाय मेरा दिल खो गया ।।४ ।।
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